शुक्रवार को ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव के नतीजे आए। इस बार यह नतीजों ने सभी को चौंका दिया। पिछले नगर निगम के चुनावो में सिर्फ 4 ज़गह जीत दर्ज़ करने वाली बीजेपी ने इस चुनाव में 48 जगह जीत का परचम लहराया है। 48 सीट जीतकर बीजेपी यहां GHMC में अपनी सत्ता तो नहीं बना सकती, पर जानकारों की माने तो बीजेपी की यह जीत आने वाले समय में दक्षिण भारत की राजनीती पे बड़ा असर डाल सकती है ।GHMC चुनाव में सत्तारूढ़ टीआरएस के खाते में 55 सीटें गई हैं। जबकि ओवैसी की पार्टी AIMIM ने 44 सीटों पर कब्जा जमाया है। हैदराबाद का यह चुनाव इस बार पुरे देश में काफी चर्चा में रहा। चुनाव प्रचार के दौरान यहाँ सभी दलों ने बड़ा का जोर लगाया था। यहाँ ओवैसी के गढ़ माने जाने वाले हैदराबाद में पैर जमाने के लिए बीजेपी ने पहली बार किसी नगर निगम चुनाव में बड़े पैमाने पे ताकत लगा दी थी । इस चुनाव में बीजेपी के केंद्रीय नेता अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जगतप्रकाश नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत सभी बडे नेताओं ने प्रचार किया था। चुनाव प्रचार के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर करने के बयान दिया था। योगी ने कहा था, ‘जो लोग हिंदुस्तान में रहते हैं, वह हिंदुस्तान का नाम शपथ में नहीं लेते। यह घटना दिखाती है कि ओवैसी की AIMIM का असली चेहरा क्या है। हमने फैजाबाद का नाम अयोध्या किया। हमने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया। यह हमारे संस्कृति के प्रतीक हैं तो हैदराबाद का प्राचीन नाम भाग्यनगर क्यों नहीं हो सकता?’ उनका यह बयान पुरे चुनाव के दौरान काफी चर्चा में रहा । वैसे यह चुनाव में मिले नतीजे बीजेपी के आने वाले चुनाव में काफी महत्वपूर्ण है। कर्नाटक छोड़ के किसी भी दक्षिण भारत के राज्यों में बीजेपी को इतनी सफलता कभी मिली नहीं, क्योंकि यहां सभी चुनाव प्रादेशिक अस्मिता पर लड़े जाते है। पहली बार यहाँ बीजेपी ने हिंदुत्व, राष्ट्रीयत्व और विकास के नाम पर चुनाव लड़कर के साबित किया है की हिंदुत्व, राष्ट्रीयत्व नाम पर भी यहाँ वोट मिल सकते है। अब GHMC चुनाव में सत्तारूढ़ टीआरएस के खाते में 55 सीटें हैं, जबकि ओवैसी के पास 44 सीटें है। सत्ता के लिए अब इन को एक दूसरे की मददत करनी पड़ेगी जिस से यह साबित हो जायेगा टीआरएस ओवैसी के एहसानो में दबी हुई है। इन सब चीजों का फायदा बीजेपी को आने वाले तेलंगाना राज्य के चुनाव में होगा। अब बीजेपी को यहाँ हिंदुत्व और राष्ट्रीयत्व के मुद्दे पर अच्छा सपोर्ट मिल सकता है। हैदराबाद के नतीजे आने वाले दिनों में दक्षिण भारत में कितने सत्तारूढ़ पार्टियों का भाग्य ख़राब करेंगे ये तो आने वाला समय ही बताएगा। पर 2024 के लोकसभा चुनाव में ये नतीजे दक्षिण भारत में बीजेपी का भाग्य जरुर बदलेंगे। |