पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सर्वेसर्वा मा. शरदरावजी पवारजी ने आज पुणे में पत्रकारोसे वार्तालाभ किया। उन्होंने आयोध्या मामलेपे फैसला आने के बाद काशी और मथुरा पर शुरू हुई चर्चाओंपे चिंता जताई है।
           उन्होंने कहा “अब लगता है कि काशी और मथुरा की चर्चाएँ भी शुरू हो गई हैं। इसलिए, हम सभी चिंतित हैं, कि देश की सामाजिक एकता कैसे बनी रहेगी”।
           आयोध्या मामले के फैसले के ऊपर उन्होंने कहा “मैं बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसले के बारे में बात नहीं करूंगा।” पर आगे उन्होंने पूर्व केंद्रीय गृह सचिव माधव गोडबोलेजी के बातो का जिक्र किया “मैंने टीवी पर माधव गोडबोले का बयान सुना। माधव गोडबोले ने कहा,”मुझे आश्चर्य है कि इस तरह का निर्णय यहां सभी तरह के सबूत देने के बाद भी लिया जाता है। माधव गोडबोले पूर्व केंद्रीय गृह सचिव हैं, उन्होंने पहले ही मामले का गहराई से अध्ययन कर लिया था। वह भी निश्चित था कि आगे क्या होगा, और उन्होंने देखा कि आगे क्या हुआ। इसलिए मुझे आश्चर्य नहीं है कि मीडिया में उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है”।
           उन्होंने ये भी बताया है। “मैं बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री था, वह विषय मेरा नहीं था। लेकिन मुझे याद है तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव, शंकरराव चव्हाण और हमारे सहयोगियोंकें सामने तत्कालीन केंद्रीय गृह सचिव माधव गोडबोले ने कुछ तथ्य रखे थे। उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने वादा किया था, कि बाबरी मस्जिद की संरचना प्रभावित नहीं होगी। लेकिन यह वादा नहीं रखा जाएगा यह मत तत्कालीन केंद्रीय गृह सचिव माधव गोडबोलेजी का था। लेकिन प्रधानमंत्री नरसिंह राव, की राय थी कि उत्तर प्रदेश के तत्कालीन प्रमुख के बयान पर विश्वास किया जाना चाहिए। इसलिए, गोडबोले की राय को स्वीकार नहीं किया गया था। दुर्भाग्य से,वही हुवा, जो गोडबोलेजी ने सोचा था”।
           उत्तर प्रदेश की घटना के बारे में उन्होंने कहा “दुर्भाग्य से, महिलाओं के खिलाफ हिंसा की कहानियां बढ़ रही हैं। ऐसी चीजें महाराष्ट्र में भी हुईं, लेकिन हमने यहां तुरंत कार्रवाई की। उत्तर प्रदेश में हुई घटनाओं में राज्य सरकार की भूमिका इन सभी मुद्दों पे सिर्फ दिखावे की है। और यह निंदनीय है”।

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